What is continuous auditing?
हेल्लो दोस्तों आज के पोस्ट में मैं आप सभी को कॉमर्स विषय के सबसे महत्पूर्ण विषय के बारे में जानकारी दूंगा। यह प्रश्न अक्सर एग्जाम में पूछे जाते है कि चालू आंकेक्षण क्या है? यदि आप कॉमर्स के विद्यार्थी है तो आपको चालू आंकेक्षण के बारे जानकारी रखनी चाहिए। आज मैं आपको बोहोत ही easy तरीके से (auditing) आंकेक्षण ke बारे में बताऊंगा। चालू आंकेक्षण के बारे में जानने से पहले यह जान लेते है कि आंकेक्षण होता क्या है? तो चलिए सबसे पहले जानते है कि आंकेक्षण होता क्या है?
What is auditing? आंकेक्षण क्या है?
पहले के जमाने में या यू कहे की प्राचीन काल में हिसाब किताब बोहोत कम होती थी। हिसाब किताब केवल वही लोग करते थे जीनका अपना व्यवसाय होता था। हिसाब किताब की व्यवस्था बिल्कुल अपूर्ण थी। उस समय व्यवसाय भी छोटी हुआ करती थी। इसलिए आंकेक्षण को उतना महत्व नही दिया जाता था।पर अब आंकेक्षण का महत्व काफी बढ़ गया है। आंकेक्षण का अर्थ होता है_ सुनना । यानिि प्राचीन काल में हिसाब किताब रखने वाले लोग अपने से ज्यादा पढ़े लिखे और समझदार व्यक्ति के पास जा कर अपना चिट्ठा, हिसाब किताब सुनाते थे। सारा हिसाब किताब सुनने के बाद वे अपना निर्णय सुनाते थे जिन्हे आज के बोल चाल में न्यायधीश कहा जाता है।
बोल चाल की भाषा में आंकेक्षण किसी व्यवसाय की पुस्तक में हिसाब किताब विवेचनात्तमक जांच है जो संस्था से प्राप्त प्रपत्र , सूचना, और प्रमाणको की सहायता से की जाती है। एक आंकेक्षक एक निश्चित समय के लिए बनाए हुए हिसाब किताब के संबंध में यह रिपोर्ट दे सके कि चिट्ठा उस संस्था की आर्थिक स्थिति का ठीक ठीक प्रसूस्त करती है या नही,तथा लाभ हानि की वास्तविक स्थिति को बाताता है या नही, और सभी खाते बही नियमानुसार बनाए गए हैं या नही।
स्पाइसर और पैगलर के अनुसार "किसी व्यपारिक संस्था की पुस्तकों, खातों, तथा प्रमाणको की एक ऐसीीीी जांच को आंकेक्षण कहते हैं जिसके आधार पर आंकेक्षक यह संतोषपूर्वक कह सके कि उसकी प्राप्ति स्पष्टीकरण और सूचनाओं के आधार पर तथा जो पुस्तकों में प्रकट है ,उसके अनुसार संस्था की चिट्ठा उसकी आर्थिक स्थिति को और लाभ हानि खाता सस्था के लाभ हानि को सत्य रूप दिखाता है या नही, यदि नही तो किन किन बातों से संतुष्ट नहीं हैं तथा क्यो? अब जानते है कि चालू आंकेक्षण क्या है?
चालू आंकेक्षण का क्या है?
जब एक आंकेक्षक अपने स्टाफ को पूरेे सालभर निश्चित तथा अनिश्चित समय का अंतर दिखाकर हिसाब किताब की जांच लगातार करने को ही तो चालूू आंकेक्षण कहते है।
चालू आंकेक्षण में वर्ष भर कार्य का रिपोर्ट पूरे वर्ष के अंत दी जाती है। क्योंकि अंतिम खाते भी वर्ष के अंत में बनते है, वो भी तब जब खाते बंद हो जाते है।
आंकेक्षक का आने के 2 महीने बाद ही होता है। कभी कभी ये समय के अंतर अनिश्चित हो जाते है। लगातार होनेवाला आंकेक्षण केवल उन संस्था के लिए हितकरी होता है जिसका काम बड़ा होता है। इसी कारण से सप्ताह, महीना आंकेक्षक वर्ष के द्वारा हिसाब किताब की जांच की जाती है। पर इसका मतलब ये नही कि आंकेक्षक वर्ष के बीच में जब भी आता है तभी अपनी रिपोर्ट देता है। रिपोर्ट तो साल के खाते जांचने के बाद शौप दी जाती है।
चालू आंकेक्षण उन व्यापारी के लिए ज्यादा फायदे होते हैं जिनमे वर्ष के समाप्त होते ही तुरंत लाभ हानि खाते और चिट्ठे की जरूरत होती हैं। जेसे बैंक।
आंतरिक निरिछन की व्यवस्था ज्यादातर संतोषजनक नहीं होती है। अंतिम खाते मासिक या तिमाही बनाए जाते है। इतना ही नहीं जब लेन देन ज्यादा जब होने लगते है तब समय समय पर इसकी जांच करवाना जरूरी हो जाता है। बिक्री इतनी अधिक होने लगती है कि इनकी गहन जांच करवाना आवश्यक हो जाता है।
अब जानते हैं चालू आंकेक्षण के 10 बड़े लाभ क्या है?
चालू आंकेक्षण के लाभ _
चालू आंकेक्षण के लाभ नीचे दिए गए 10 point से आसानी से समझ सकते हैं।
1. छल कपट का जल्दी पता चलना_
खातों की गहन जांच होने पर खातों की आशुद्धि और छल कपट का जल्दी पता चल जाता है। यदि आंकेक्षण वर्ष भर में केवल एक बार जांच किया जााए तो गड़बडी करने वाले कर्मचारी के लिए छल कपट केे लिए अधिक अवसर मिलता है।
2. पुख्ता जांच हो जाना _
आंकेक्षण के लगातार वर्ष भर जांच होने पर व्यापार में हिसाब किताब का पुख्ता जांच हो जाता है।
3.शीघ्र अंतिम खाता का तैयार होना_
अंतिम आंकेक्षण भी शीघ्र समाप्त हो जाता है। और वर्ष के अंत में हिसाब किताब बंद करके शीघ्र अंतिम खाता तैयार हो जाता है।
4. नैतिक प्रभाव का सचेत होना_
लगातार आंकेक्षक के आने से काम कर रहे कर्मचारी बोहोत सतर्क हो जाते है। और अपना काम ओर भी अच्छे तरीके के साथ साथ काम में शुद्धता रखने का प्रयत्न करते है। आंकेक्षक के आने से उनके नैतिक प्रभाव को सचेत रखता है।
5. काम में सतर्कता रखना_
खाते की जांच के लिए यदि आंकेक्षक बिना समय में जांच के लिए आ जाते है तो कर्मचारी के उपर नैतिक प्रभाव पड़ता है। इसलिए वे अपना काम सावधानी के साथ करते हैं क्योंकि उन्हें मालूम नहीं होता है कि आंकेक्षक कब आ जाए। इसलिए कर्मचारी अपने काम में सतर्कता रखे रहते है।
6. चालू आंकेक्षण का बड़ा लाभ_
बड़े संस्था में मासिक चिट्ठा तैयार किया जाता हैं। जहा प्रबंधक शिथिल होते हैं, जिससे चालू आंकेक्षण का बड़ा लाभ होता है।वे जानते हैं कि चालू आंकेक्षण के बिना न तो मासिक चिट्ठा तैयार होता है और न ही प्रबंधक की कुशलता बढ़ सकती है।
7. आंकेक्षक का योगदान _
आंकेक्षक व्यापार की कार्य प्रणाली और विशेषताओ से भली भांति परिचित होते हैं। जिससे वे अपने कार्य में सफलता प्राप्त कर सकते है। वे अपने नियोक्ता को उपयोगी सलाह और अच्छी सुझाव देकर संस्था को योगदान देते है।
8. हर कार्य में सुविधा _
चालू आंकेक्षण में आंकेक्षक को अपने कार्य में सुुुुविधा मिलती हैं। आंकेक्षक अपने कार्य भली प्रकार आयोजित कर सकते है। वेे हर कार्य को सुविधा के साथ कर सकते है।
9. अंतिम खाते तैयार की सुविधा_
पुस्तक के साथ साथ आंकेक्षन होने पर भी अंत अंतिम खाते करने में सुविधा होती हैं।
10. व्यवसाय की जानकारी_
एक आंकेक्षक को पूरेे वर्ष आंकेक्षण का कार्य करना पड़ता है । अंत उन्हे व्यवसाय की पूरी जानकारी के साथ साथ व्यवसाय की तकनीकों की बात की जानकारी होती है।
चालू आंकेक्षण के लाभ के साथ कुछ हानिया भी होती है। तो अब जानते हैं कि चालू आंकेक्षण के हानियो के बारे में_
चालू आंकेक्षण के हानिया क्या है?
1. आंकेक्षण के बार बार आने से व्यापार के कार्य में बाधा उत्पन्न होती है।आंकेक्षण के बार बार आने से संस्था की अधिकारियों के लिए असुविधा तथा हानि भी कभी कभी हो जाती हैं।
2. कर्मचारी के नैतिक प्रभाव में कमी आने की संभावना कम हो जाती है क्योंकि आंकेक्षक के बार बार आने से कर्मचारी अपने मित्रता का गलत तरीके से इस्तेमाल कर सकते है।
3. चालू आंकेक्षण बोहोत खर्चीला होता है और यह छोटी संस्था के लिए उतना उपयोगी साबित नही होता है। चालू आंकेक्षक का काम धीरे धीरे यंत्रवंत हो जाता हैं। फिर बार बार आने से उनकी कार्य में कमी होने लगती है।
4. आंकेक्षण कर्मचारियों को विस्तृत नोट्स करने पड़ते हैं ताकि आंकेक्षण करने के बाद कोई परिवर्तन न हो और कोई स्पष्टीकरण प्राप्त होने से न रह जाए।
5. एक ही बार सारा कार्य करने के स्थान पर चालू आंकेक्षण को बार बार आना पड़ता है। इसका परिणाम यह होता है कि जांच का क्रम टूट जाता हैं और पिछला बहुत सी बातें की खोज अच्छी तरह से नही हो सकती है।
निष्कर्ष
तो दोस्तों आपने sikho abhi पर सिखा कि चालू आंकेक्षण क्या है और इसके लाभ तथा हानिया क्या है। मुझे उम्मीद है कि आप सब को मेरी यह पोस्ट अच्छी लगी होगी। तो अपने दोस्तों को share करने बिल्कल भी न भूले । इसी तरह मैं आप सभी के लिए और भी अच्छी अच्छी पोस्ट लेकर आता रहूंगा ।
Thanks you 🥰
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